रस - ras meaning in hindi
Meaning of ras in hindi :
ज्ञान
रसनेंद्रिय का संवेदन
खाने की चीज का स्वाद
ras ki paribhasha
वह अनुभव जो मुँह में डाले हुए पदार्थों का रसना या जीभ के द्बारा होता है३९. केशव के अनुसार रगण और सगण की संज्ञा ३८. गुण उदाहरण—तिनका बयार के बस भावै त्यों उड़ाइ लै जाइ अपने रस ३७. ढंग (ख) सम-रस, समर-सकोच-बस, बिबस न ठिक ठहराइ उदाहरण—(क) एक ही रस दुनी न हरब सोक सोंसति सहति प्रकार ३६. गुण, तत्त्व, रूप, विशेषता आदि के विचार से होनेवाला वर्ग या विभाग विहार केलि —केशव ३३. अनुराग, दया आदि कोमल वृत्तियों के वश में रहने की अवस्था या भाव —स्थायी भाव, विभाव (आलंबन और उद्दीपन), अनुभाव और संचारी भाव (सेन्टिमेन्ट) इसके नौ प्रकार या भेद कहे गये हैं०-अद्भुत, करुण, भयानक, रौद्र, वीभत्स, वीर, शांत, श्रृंगार और हास्य यह तत्त्व कवियों, लेखकों आदि की प्रतिभा, रचना-कौशल और उपयुक्त शब्द-योजना तथा वाक्य-विन्यास से उत्पन्न होता है (ख) वे अब सार्वजनिक कार्यों में विशेष रस लेने लगे हैं दिलचस्पी जैसे—उसके गले (या गाने) में बहुत रस है मनोवेग २८. मन का कोई आवेग २७. मन की उमंग या तरंग —तुलसी उदाहरण—राम पुनीत विषय रस रुखे मजा २४. दार्शनिक क्षेत्र में, इंद्रियार्थों के साथ इंद्रियों का संयोग होने पर मन या आत्मा को प्राप्त होनेवाला आनंद या सुख (ख) मन में किसी के प्रति अनुराग या प्रेम का संचार होना २३. यौवन काल में मनुष्य के मन में अनुराग या प्रेम का होनेवाला संचार पद—रस-भंग=रस-रीति प्रेम २२. कार्य, विषय व्यक्ति आदि के प्रति होनेवाला अनुराग विशेष—हमारे यहाँ वैद्यक में छः रस माने गये हैं—अम्ल, कटु, कषाय, तिक्त, मधुर और लवण २॰. खाने-पीने की चीज मुँह में पड़ने पर उससे जीभ को होनेवाला अनुभव या मिलनेवाला स्वाद विष बोल नामक गंध द्रव्य गंध-रस शिंगरफ लुआब जैसे—रसपर्पटी, रस-माणिक्य, रस-सिंदूर आदि पारा तत्त्व घोड़ों, हाथियों आदि का एक रोग जिसमें उनके पैरों में से जहरीला या दूषित पानी बहता या रसता है जैसे—देहात में किसी के घर जाने पर वह प्रायः रस पिलाता है —गीत पानी (वैद्यक में इसे शरीरस्थ सात धातुओं में से पहली धातु माना जाता है) रक्तसार प्राणियों, विशेषतः मनुष्यों के शरीर में खाद्य पदार्थों के पहुँचने पर उनका पहले-पहल बननेवाला वह तरल रूप जिससे आगे चलकर रक्त बनता है जैसे—पसीना, दूध रक्त आदि शोरबा जूस (सैप) जैसे—ताड़, शाल आदि वृक्षो में से निकला या निकाला हुआ रस निर्यास जैसे—अंगूर, ऊख, जामुन आदि का रस [ रसाल, रसिक]१. वनस्पतियों अथवा उनके फूल-पत्तों आदि में रहनेवाला वह जलीय अंश या तरल पदार्थ जो उन्हें कूटने, दबाने, निचोड़ने आदि पर निकलता या निकल सकता है (जूस) वृक्षों के शरीर से निकलने या पोछकर निकाला जानेवाला तरल पदार्थ मद किसी चीज को उबालने पर निकलनेवाला अथवा तरल सार भाग रस प्राणियों के शरीर में से निकलनेवाला कोई तरल पदार्थ पद—गो-रस=दूध या उससे बने हुए दही, मक्खन आदि पदार्थ चर्मसार रसिका जल उदाहरण—महाराजा किवड़िया खोखो, रस की बूँदें पड़ी पानी में घोला हुआ गुड़, चीनी, मिसरी या ऐसी ही और कोई चीज कोई तरल या द्रव पदार्थ १॰. किसी पदार्थ का सार भाग सत्त उदाहरण—रस मारे रसायन होय (कहा०)१२. धातुओं आदि को (प्रायः पारे की सहायता से) फूँककर तैयार किया हुआ भस्म या रसौषध लासा वीर्य हिंगुल शिलारस जहर पहले खिचाव का शोरा जो बहुत तेज होता और बढ़िया माना जाता है रसनेंद्रिय में होनेवाली अनुभूति या संवेदन (फ्लेवर) २१. कविता आदि में उक्त रसों के आधार पर माना हुआ छः की संख्या का वाचक शब्द प्रीति मुहब्बत मुहावरा—रस खोटा होना=आपस में प्रेम-पूर्ण व्यवहार में अन्तर पड़ना मुहावरा—रस भीजना या भीनना= (क) मनुष्य में यौवन का आरंभ होना (ग) किसी पदार्थ का ऐसा समय आना कि उससे पूरा आनंद या सुख मिल सके २५. लोक-व्यवहार में, किसी काम या बात से किसी प्रकार का संबंध होने पर उससे मिलनेवाला आनंद या उसके फल-स्वरूप उत्पन्न होनेवाली रुचि जैसे—कोई किसी रस में मगन है तो कोई किसी रस में लोलुप भूप भोग के भूखे २६. उपनिषदों के अनुसार आनंद-स्वरूप ब्रह्म मौज जोश २९. किसी काम या बात में रहने या होनेवाला कोई प्रिय अथवा सुखद तत्त्व ३॰. किसी कार्य या व्यवहार के प्रति होनेवाली कुतूहलमूलक प्रवृत्ति या उससे होनेवाली सुखद अनुभूति (इन्टरेस्ट) जैसे—(क) इस पुस्तक में हमें कोई रस नहीं मिला ३१. साहित्यिक क्षेत्र में, (क) तात्वत् वक दृष्टि से कथानकों, काव्यों, नाटकों आदि में रहनेवाला वह तत्त्व जो अनुराग, करुणा क्रोध, प्रीति, रति आदि मनोभाव जो जाग्रत, प्रबल तथा सक्रिय करता है (ख) भारत के प्राचीन साहित्यकारों के मत से उक्त तत्त्व का वह विशिष्ट स्वरूप जिसकी निष्पत्ति अनुभाव विभाव और संचारी के योग से होती है और जो सहृदय पाठकों या दर्शकों के मन में रहनेवाले स्थायी भावों को परिपक्व, पुष्ट और जाग्रत या व्यक्त करके उत्कृष्ट या परम सीमा तक पहुँचाता और पाठकों या दर्शकों को प्रसन्न तथा संतुष्ट करके उनके साथ एकात्मता स्थापित करता है विशेष—प्रत्येक रस के ये चार अंग कहे गये हैं ३२. कविता के उक्त नौ रसों के आधार पर नौ की संख्या का सूचक शब्द उदाहरण—राजत अंग, रस-बिरस अति, सरस-सरस रस भेद ३४. काम-क्रीड़ा, रति ३५. काम-वासना तरह जैसे—एक रस, समरस —तुलसी —बिहारी तर्ज —स्वामी हरिदास सिफत स्त्री० [?] एक प्रकार की भेड़ जो गिलगित्त के पामीर आदि उत्तरी प्रदेशों में पाई जाती हैअँग्रेज़ी अर्थ
उदाहरणSuggested :
कृत | prepared |
Ethanol was first prepared synthetically in 1826 | |
आँखफोड़टिड्डा | jealous |
Although the major figures of the day were jealous of their fame | |
चरम या अधम | last |
His last publications were the Letters on a Regicide Peace | |
कारागार भेजना | commitment |
1976. Famous throughout his career for his commitment to his art | |
ताबड़तोड़ | consistently |
By consistently using these specific epithets |
ras
अक्षरों की संख्या: 2 व्यंजनसहित । इस शब्द का प्रयोग हिंदी में संज्ञा के रूप में किया जाता है और यह पुर्लिंग वर्ग में आता है । जिसकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है।
Transliterate in english :
rasa
Related spellings : ras
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