प्रकृति - prakriti meaning in hindi
Meaning of prakriti in hindi :
कुदरत
जगत् का उपादान कारण
जगत् का मूल बीज
मिजाज
स्वभाव
न छूटनेवाली विशेषता
प्राणी की प्रधान प्रवृत्ति
तासीर
स्वभाव
prakriti ki paribhasha
मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे वह मूल शक्ति अनेक रूपात्मक जगत् जिसका विकास हैस्त्री रिआया रूप कर्मकांड में वह प्रतिमान या मानक रूप जिसे देखकर उसी तरह की और रचनाएँ प्रस्तुत की जाती हों प्राचीन भारतीय राजनीति में राजा, अमात्य या मंत्री, सुहृद, कोश, राष्ट्र, दुर्ग, बल और प्रजा इन आठों का समूह वैद्यक में, शारीरिक रचना और प्रवृत्ति के आधार पर मनुष्य की मूल स्थितियाँ के ये सात विभाग—वातज, पित्तज, कफज, वात-पित्तज, वात कफज, कफ-पित्तज और समधातु प्राणियों की जीवन-दायिनी और स्वास्थ्य पद प्रवृत्ति या स्थिति जैसे—जंगली जातियाँ सदा प्रकृति की गोद में ही खेलती और पलती हैं विशेष—इसमें इन सभी आकांक्षाओं, प्रवृत्तियों, वासनाओं आदि का अंतर्भाव होता है जिनके वश में रहकर मनुष्य सब प्रकार के काम करते हैं और जिनके फल-स्वरूप उनका चरित्र अथवा जीवन बनता-बिगड़ता है मनुष्यों का वह चारित्रिक मूल-भूत गुण, तत्व या विशेषता जो बहुत-कुछ जन्म-जात तथा प्रायः अविकारी होती है वह सारा दृश्य जगत् जिसमें हमें पशु-पक्षियों, वनस्पतियाँ आदि अपने मौलिक या स्वाभाविक रूप में दिखाई देती हैं आध्यात्मिक क्षेत्रों और विशेषतः वेदांत में इसे परमात्मा या विश्वात्मा की मूर्तिमती इच्छा-शक्ति के रूप में माना गया है, और इसे ‘माया’ का रूपान्तर कहा गया है भौतिक जगत् में हमें जो कुछ दिखाई देता है, वह सब इसी का परिणाम या विकार माना जाता है पर सांख्यकार ने कहा है कि इसके साथ एक दूसरा तत्व ‘पुरुष’ नाम का भी होता है निसर्ग (ग) जानवरों का शिकार करके भरना और चीतों और शेरों की प्रकृति है जैसे—(क) जन्म लेना और मरना प्राणी मात्र की प्रकृति है किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज और स्वाभाविक गुण या तत्त्व जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन या विकार नहीं होता ‘विकृति’ इसी का विपर्याय है (ख) ताप उत्पन्न करना और जलाना अग्नि की प्रकृति है विश्व में रचना या सृष्टि करनेवाली वह मूल नियामक तथा संचालक शक्ति जो सभी कारणों या कार्यों का उद्गम है और जिससे सभी जीव तथा पदार्थ बनते, विकसित होते तथा अंत में नष्ट या समाप्त होते रहते हैं विशेष—अधिकतर दार्शनिक, ‘प्रकृति’ को ही सारी सृष्टि का एक मात्र उपादान कारण मानते हैं जिसके सहयोग से प्रकृति सब प्रकार की सृष्टियाँ करती है इसी में सत्व, रज और तम नामक तीनों गुणों का अधिष्ठान कहा गया है कभी-कभी इसका प्रयोग ईश्वर के समानक के रूप में भी होता है जैसे—वहाँ प्रकृति की छटा देखने ही योग्य थी जैसे—वह प्रकृति से ही उदार या दयालु (अथवा क्रोधी और लोभी) था जीवन यापन का वह सरल और सहज प्रकार जिस पर आधुनिक सभ्यता का प्रभाव न पड़ा हो और जो निरोधक प्रतिबन्धों से बहुत-कुछ मुक्त या रहित हो (अर्थात् खुले मैदानों में, झगडे-बखेड़ों और भीड़-भाड़ से दूर रहते हैं) जैसे—आजकल उन्होंने अपने रोग की दवा करना बन्द कर दिया है और उसे प्रकृति पर छोड़ दिया है व्याकरण में, किसी शब्द का वह आधार-भूत, मूल या धातु रूप जिसमें उपसर्ग, प्रत्यय आदि लगने अथवा और प्रकार के विकार होने पर उसके अनेक दूसरे रूप बनते हैं १॰. परवर्ती दार्शनिक क्षेत्र में, पृथ्वी, जल, तेज, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकार इन आठों का समूह आकृति प्रजा नारीअँग्रेज़ी अर्थ
उदाहरणSuggested :
टिप्पा | assault |
She later regretted her assault | |
उदासीन | inert |
Nitrogen is an inert gas | |
इयत्ता | limit |
Because the size of bets is restricted in limit games | |
मीठी | rich |
Heavy metal band System of a Down has also made use of the cello's rich sound. | |
मुस्तकीम | right |
Phoenician was usually written from right to left |
prakriti
अक्षरों की संख्या: 7 व्यंजन मात्रासहित । इस शब्द का प्रयोग हिंदी में संज्ञा के रूप में किया जाता है और यह स्त्रीलिंग वर्ग में आता है । जिसकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है।
Transliterate in english :
prakRRiti
Related spellings : prakrriti,prakriti
Related spellings : prakrriti,prakriti
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